परिमेय संख्या किसे कहते हैं | Parimey sankhya kise kahate hain

Parimey sankhya kise kahate hain – वह संख्या जिसे हम p/q के रूप में लिख सकते हैं , जहां p और q पूर्णांक हो और q शून्य के बराबर न हो अर्थात् q ≠ 0 न हो । सभी भिन्न परिमेय संख्या होती है , किन्तु प्रत्येक परिमेय संख्या भिन्न नहीं होती है , क्योंकि किसी भिन्न के अंश में ऋणात्मक पूर्णांक नहीं होता है जबकि परिमेय संख्या में ऐसा नहीं होता है ।

परिमेय संख्या p/q सरलतम रूप में होती है , यदि P और q में कोई भी गुणनखंड उभयनिष्ठ नहीं है ।

दो या दो से अधिक परिमेय संख्याओं की तुलना करने के लिए हर को समान करके अंशो के आधार पर तुलना कर सकते हैं ।

यदि परिमेय संख्या का हर ऋणात्मक अर्थात p/-q के रूप में हो तब उसका संख्या रेखा पर निरूपण -p / q के समान ही किया जाता है।

Parimey sankhya kise kahate hain
Parimey sankhya kise kahate hain

Parimey sankhya kise kahate hain उदाहरण

1/2 , -3/5 -4/-2 ,2/5 1/4, 0/2 इत्यादि ।

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अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं

ऐसी संख्या जिसे हम p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता है उसे अपरिमेय संख्या कहते हैं ।

प्राकृत संख्या किसे कहते हैं

गणना के लिए जिन संख्याओं का उपयोग किया जाता है उन्हें प्राकृत संख्या कहते हैं । 1,2,3,4……………. इत्यादि प्राकृत संख्याएं हैं । प्राकृत संख्याओं के समूह को ( N ) व्यक्त किया जाता है अर्थात् 1,2,3,4,5,……..आदि। सबसे छोटी प्राकृत संख्या 1 है । प्राकृत संख्या में एक जोड़कर अगला प्राकृत संख्या प्राप्त किया जा सकता है। सबसे बड़ी प्राकृत संख्या प्राप्त नहीं की जा सकती हैं अर्थात् किसी संख्या में एक जोड़कर अगली बड़ी संख्या प्राप्त होगी । प्राप्त संख्या में एक जोड़कर उसकी अगली बड़ी संख्या प्राप्त होती रहेगी ।

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पूर्ण संख्या किसे कहते हैं

वह संख्याओं का समूह जिसमें गणना संख्या के साथ शून्य भी शामिल है पूर्ण संख्या कहलाती है । पूर्ण संख्या ( W ) = 0,1,2,3,4,5,…….. इत्यादि ।

शून्य ( 0 ) एक पूर्ण संख्या है। दो पूर्ण संख्याओं को आपस में जोड़ने या गुणा करने से पूर्ण संख्या प्राप्त होती है । जबकि घटाने एवं भाग संक्रिया में लागू नहीं होता। किसी भी पूर्ण संख्या में शून्य को जोड़ने या घटाने पर संख्या का मान नहीं बदलता । यदि किसी पूर्ण संख्या में शून्य का गुणा करें तो उसका मान शून्य हो जाता है। किसी संख्या में शून्य से भाग देना अपरिभाषित है।

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पूर्णांक संख्या किसे कहते हैं

प्राकृत संख्या और पूर्ण संख्या में यदि ऋणात्मक संख्याएं जोड़ लें तो शून्य के दांई ओर धनात्मक संख्या और बांई ओर ऋणात्मक संख्याएं। धनात्मक संख्याएं , ऋणात्मक संख्याएं तथा शून्य को मिलाकर पूर्णांक बनते हैं । पूर्णांक को I / Z से दर्शाया जाता है।

पूर्णांक ( I ) = -4,-3,-2,-1,0,1,2,3,4………. आदि ।

जिस प्रकार सबसे बड़ी पूर्ण संख्या नहीं है उसी प्रकार सबसे बड़ी पूर्णांक संख्या भी नहीं है।

सम संख्या किसे कहते हैं

वे सभी संख्याएं जो दो ( 2 ) से भाग देने पर पूर्ण रूप से विभाजित किया जा सके समसंख्या कहलाती हैं । जैसे :- 0,2,4,6,8,10…… आदि ।

विषम संख्या किसे कहते हैं

वह सभी संख्याएं जो दो ( 2 ) से भाग देने पर पूर्ण रूप से विभाजित न हो विषम संख्याएं कहलाती है। जैसे :- 1,3,5,7,9,11,……… आदि ।

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