Amazing Information about Banyan Tree in Hindi | बरगद का पेड़

बरगद का पेड़ Information about Banyan Tree in Hindi

आज हम जानने वाले है Banyan Tree in Hindi | बरगद के वृक्ष के बारे में भारत में सब जानते है । इसके विभिन्न भाषाओं में विभिन्न नामों से जाना जाता है । जैसे – संस्कृत में इसे – वट , रक्तफल , ध्रुव , वृक्षनाथ ,। हिंदी में – बड़ , वट , बरगद । गुजराती में – बड़ , बड़लो ,। पंजाबी में – बरगद , बेरा । अंग्रेजी में – बनयान ट्री इत्यादि कहा जाता है ।

बरगद का वृक्ष बहुत विशाल होता है और इसमें लम्बे तंतु ( जटाएं ) होते हैं जो पेड़ से जमीन तक आते हैं । बरगद के पत्ते गोल और अण्डाकृति के होते हैं । इसके फल लाल रंग के होते हैं जो इसके पिण्ड में से निकलते हैं । इसकी शाखाओं में से लाल रंग के अंकुर निकलते हैं जिन्हें बड़ की जटा कहते हैं ।

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Banyan tree in hindi meaning

Information about Banyan Tree – इसका बोटेनिकल नाम ” Ficas Benghalenusis ” है। कोलकाता के आचार्य जगदीश चंद्र बोस बोटेनिकल गार्डन में मौजूद ” द ग्रेट बनयान ट्री ” विश्व का सबसे चौड़ा वृक्ष है जो ‘ द गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ‘ में दर्ज किया गया है । यह 14,400 वर्गमीटर अथवा 4.67 एकड़ में फैला है । इसकी लम्बाई लगभग 24.5 मीटर है ।

इस बरगद के पेड़ की उम्र 250 वर्ष से अधिक है । इस पेड़ को ” द ग्रेट बनयान ट्री के नाम से पहचाना जाता है । इसका यह नाम इनकी शाखाओं से निकलने वाले जटाओं के कारण पड़ा है । इस पेड़ की लगभग 3770 से भी ज्यादा जटाएं है जो सन् 1868-87 में आए तूफान से इस पेड़ की जटाएं कमजोर होकर बिखर चुकी थी ।

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जिसे 1925 में 50 फीट तक काटना पड़ा था । इसके बाद इसे कभी काटा नहीं गया । देश और विदेश से कोलकाता घुमने आने वाले टूरिस्ट इस पेड़ के साथ फोटो जरुर खिंचवाते हैं । विदेशी यूनिवर्सिटी में शोध करने के लिए बरगद के पेड़ के सेम्पल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है । यह हमारे देश के लिए किसी धरोहर से कम नहीं है।

Information about Banyan Tree in Hindi

Scientific name of banyan tree in hindi

इसका बोटेनिकल नाम ” Ficas Benghalenusis ” है।

National tree banyan tree in hindi

बरगद ( banyan tree ) का पेड़ भारत देश का राष्ट्र वृक्ष है |

Banyan tree in hindi name बरगद वृक्ष का धार्मिक महत्व

बरगद को वट वृक्ष भी कहा जाता है। हिन्दु धर्म में वट वृक्ष को भगवान शिव का रूप माना जाता है। स्त्रियां इसे अपने पति के लम्बे उम्र के लिए वट सावित्री व्रत रखते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं ।

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Uses of banyan tree in hindi बरगद के आयुर्वेदिक व औषधीय महत्व

Information about Banyan Tree- आयुर्वेदिक मत के अनुसार बरगद के वृक्ष का हर हिस्सा कसेला मधुर , शीतल , आंतों का संकोचन करने वाला होता है और यह कफ, पित्त और वृणो को नष्ट करने वाला होता है । बरगद वमन, ज्वर , योनिदोष , मुर्छा और विसर्व में लाभदायक है ।

बरगद के फूल पत्ते पसीना लाने वाले और कोमल पत्ते कफनाशक होते हैं । इसकी छाल स्तम्भक होती है । दांत खराब हो जाने पर बरगद के दूध को फोता रखने से दंतशूल ठीक हो जाता है । कमर दर्द और संधियों के सूजन होने पर इसके दूध का लेप करने से फायदा होता है।

Benefits of banyan tree in hindi

चोट

इसका दूध चोट और मोच पर लगाने से लाभ मिलता है.

गठिया

गठिया की सूजन पर दूध का लेप लगाने पीड़ा कम होती है ।

फोड़ा

इसके पत्तो का पुल्टिक बनाकर पीबदार फोड़ों पर बांधने से फोड़े जल्दी पक जाते हैं ।

वीर्य में शुक्राणुओं की वृद्धि

इसका क्वाथ या रस को गाढ़ा करके उसमें पौष्टिक औषधियां मिलाकर खाने से वीर्य की कमजोरी और मूत्रकृच्छ मिटती है ।

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रक्त प्रदर

रक्त प्रदर , खूनी बवासीर इत्यादि में रक्त का बहना न रूकने पर बरगद के दूध की 5-7 बूंदे दिन में 3 – 4 बार देने से रक्त का बहना बंद हो जाता है ।

इसके अलावा बरगद कमर दर्द , वमन , मसूड़ों का रोग , उपदंश , आग से जलना , रक्त पित्त , अतिसार इत्यादि को ठीक करने में भी बहुत कारगर है ।

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