Vedon ki sankhya kitni hai – नमस्ते दोस्तों आज हम इस पोस्ट में वेदो की संख्या कितनी है और उन वेदो से सम्बंधित जानकारी इस पोस्ट में आपसे साँझा करने वाले है |
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वेदो के प्रकार | Vedon ki sankhya kitni hai
Vedon ki sankhya kitni hai- वेदो की संख्या 4 है जिसे आज चतुर्वेद के नाम से जाना जाता है जो इस प्रकार है-
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
वेद प्राचीन भारत की साहित्य है | ‘वेद’ शब्द संस्कृत भाषा के विद् ज्ञाने धातु से बना है। इस तरह वेद का शाब्दिक अर्थ ‘ज्ञान’ है।

ऋग्वेद
ऋग्वेद सबसे प्राचीन तथा प्रथम वेद है जिसमें मन्त्रों की संख्या 10462, मंडल की संख्या 10 तथा सूक्त की संख्या 1028 है। ऐसा भी माना जाता है कि इस वेद में सभी मंत्रों के अक्षरों की संख्या 432000 है। इसका मूल विषय ज्ञान है। विभिन्न देवताओं का वर्णन है तथा ईश्वर की स्तुति आदि। यह संसार के उन सर्वप्रथम ग्रन्थों में से एक है जिसकी किसी रूप में मान्यता आज तक समाज में बनी हुई है। यह सनातन धर्म का प्रमुख ग्रन्थ है। ऋग्वेद की रचनाओं को पढ़ने वाले ऋषि को होत्र कहा जाता है।
यजुर्वेद
यजुर्वेद में कार्य (क्रिया) व यज्ञ (समर्पण) की प्रक्रिया के लिये 1975 गद्यात्मक मन्त्र हैं। इसमें बलिदान विधि का भी वर्णन है। जहां ऋग्वेद की रचना सप्त-सिन्धु क्षेत्र में हुई थी वहीं यजुर्वेद की रचना कुरुक्षेत्र के प्रदेश में हुई। कुछ लोगों के मतानुसार इसका रचनाकाल 1400 से 1000 ईसा पूर्व. का माना जाता है।
सामवेद
सामवेद का प्रमुख विषय उपासना है। संगीत में गाने के लिये 1875 संगीतमय मंत्र। सामवेद यद्यपि छोटा है परन्तु एक तरह से यह सभी वेदों का सार रूप है और सभी वेदों के चुने हुए अंश इसमें शामिल किये गये है |
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अथर्ववेद
अथर्ववेद में गुण, धर्म, आरोग्य, एवं यज्ञ के लिये 5977 कवितामयी मन्त्र हैं। अथर्ववेद संहिता के बारे में कहा गया है कि जिस राजा के राज्य में अथर्ववेद जानने वाला विद्वान् शान्तिस्थापन के कर्म में निरत रहता है, वह राष्ट्र उपद्रवरहित होकर निरन्तर उन्नति करता जाता है|
इस पोस्ट में हमने आपको Vedon ki sankhya kitni hai के बारे में जानकारी दी उम्मीद है आपको आपके सवालो का जवाब मिलगया होगा |
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