हमने इस पोस्ट में उत्क्षिप्त व्यंजन ( Utkshipt Vyanjan ) के बारे में बताया है
उत्क्षिप्त व्यंजन एक ऐसा हिंदी व्यंजन है जो उच्च शब्दों में प्रयोग किया जाता है। इन व्यंजनों को उच्च शब्दों के साथ उच्च ध्वनि से उच्च स्थानों पर उच्चारित किया जाता है। उदाहरण के लिए, उत्क्षिप्त व्यंजनों में “ज्ञ” और “ष” होते हैं जो कि उच्च शब्दों में उच्च ध्वनि के साथ उच्च स्थानों पर उच्चारित किए जाते हैं। इन व्यंजनों का उच्चारण श्वास के निकट की ऊपरी छोटी नसों तथा जीभ के पीछे की ऊपरी भाग को हिलाने से होता है। उत्क्षिप्त व्यंजनों के उच्चारण में गले में थोड़ी सी ठंडक महसूस होती है। अन्य उत्क्षिप्त व्यंजन शामिल होते हैं “ख”, “छ”, “ठ”, “थ”, “फ” और “श्र”।
उत्क्षिप्त व्यंजन किसे कहते हैं?
उत्क्षिप्त व्यंजन ( Utkshipt Vyanjan ) वे व्यंजन होते हैं जो उच्च स्वरों के साथ उच्च उच्चारण स्थान पर उत्पन्न होते हैं। इन व्यंजनों के उत्पादन के लिए जीभ को ऊपर की ओर उठाया जाता है और वायु को उच्च दबाव पर छोड़ा जाता है। उदाहरण के लिए, ‘श’, ‘ष’, ‘स’, ‘ह’ उत्क्षिप्त व्यंजन हैं।
उत्क्षिप्त व्यंजन के उदाहरण
उत्क्षिप्त व्यंजन ( Utkshipt Vyanjan ) के पाँच उदाहरण हैं:
- छ – चाय, छाती, छतरी
- झ – झाड़ू, झूठ, झूला
- ठ – ठंडा, ठण्डी, ठोस
- ढ़ – ढक्कन, ढलाई, ढोल
- ड़ – डंडा, डब्बा, डाकू
उत्क्षिप्त व्यंजन कितने होते हैं?
उत्क्षिप्त व्यंजन ( Utkshipt Vyanjan ) 2 होते हैं – जो ड, ढ है |
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उत्क्षिप्त व्यंजन