बकरीद जिसे ईद-उल-अधा भी कहा जाता है, मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा बहुत धूमधाम और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह ईद इस्लामिक कैलेंडर के आधार पर हर साल भाद्रपद माह की 10वीं और 12वीं तारीख के बीच मनाई जाती है। इस उत्सव के दौरान, मुसलमान दुनिया भर में ईद की नमाज पढ़ने, क़ुरबानी करने और अपने परिवार और दोस्तों के साथ अनमोल पल बिताने का आनंद लेते हैं।
बकरीद का इतिहास बहुत पुराना है और यह एक प्रमुख मुस्लिम त्योहार है जो पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस उत्सव का मुख्य ध्येय खुदा की राह पर निर्धारित क़ुरबानी के माध्यम से अपनी भक्ति और समर्पण प्रकट करना है। इस तारीख के पीछे एक कथा है जो ईद-उल-अधा की असली शक्ति को प्रतिष्ठित करती है।
बकरीद की कथा के अनुसार, एक समय की बात है जब प्रख्यात पत्रिका संजीवनी यात्रा द्वारा वानर सेना के श्रेष्ठ सैनिक हनुमान जी और उनके अनुयाय भगवान राम की मदद कर रहे थे। लंका युद्ध के समय, श्रीराम ने रावण को मार डाला था, लेकिन युद्ध के बाद वानर सेना को भुखा महसूस हो रहा था। इसलिए, हनुमान जी ने अपने राज्यभर के भेड़-बकरीयों की बलिदान करने की सलाह दी।
श्रीराम और उनके भक्त इस सुझाव को स्वीकार करते हैं और भगवान हनुमान के मार्गदर्शन में अपने राज्यभर के सभी भेड़-बकरीयों की बलिदान करते हैं। यह घटना बकरीद के पीछे का मूल कारण मानी जाती है और यह उत्सव मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हो गया है।
बकरीद के दिन, लोग मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए एकजुट होते हैं और खुदा से क्षमा और आशीर्वाद मांगते हैं। इसके बाद, लोग अपने घरों में और अपने परिवारों और दोस्तों के साथ खाने का आनंद लेते हैं। इस दिन खास तरह की खाद्य सामग्री बनाई जाती है, जिसमें गोस्त के पकवान और मीठे व्यंजनों की विविधता शामिल होती है। लोग अपने प्यार के लोगों के साथ इन मिठाईयों का आनंद लेते हैं और एक दूसरे को खुशी और आनंद का एहसास कराते हैं।
बकरीद का एक अहम पहलू है क़ुरबानी, जिसे लोग खुदा की अदालत में अपने ईमानदारी और समर्पण की प्रतीक्षा में करते हैं। इस दिन, एक बकरा, भेड़, या मेंहदी जैसे जानवर को उनके धार्मिक कर्तव्य के रूप में कुर्बान किया जाता है। क़ुरबानी के दौरान, बकरे का सिर काट दिया जाता है और इसका मांस और आदेशिक अंगों का वितरण किया जाता है। इसके बाद, मांस का एक हिस्सा गरीबों और आपसी अदालतों में बाँटा जाता है ताकि सभी लोग खाने की व्यवस्था कर सकें।
बकरीद महानतम त्योहार है जो मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह उनकी आस्था और धार्मिकता को प्रतिष्ठित करता है और सभी लोगों को एक-दूसरे के साथ एकात्मता, भाईचारे और प्रेम का संदेश देता है। बकरीद एक ऐसा दिन है जब लोग अपने धर्म और संप्रदाय के उच्चतम मूल्यों को समझते हैं और इसे अपने जीवन में अंकित करने का प्रयास करते हैं।
इस प्रकार, बकरीद एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली ईस्लामी त्योहार है जो मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच आपसी अदालत, एकात्मता और सद्भावना का संदेश देता है। यह उत्सव मानवता और प्रेम के मूल्यों को प्रतिष्ठित करता है और समाज में एकता और सद्भाव की भावना को सुदृढ़ करता है। बकरीद के द्वारा, मुस्लिम समुदाय अपने धर्म, आदर्शों और इंसानियत के मूल्यों की महत्वपूर्णता को दर्शाते हैं और समर्पण के साथ खुदा की राह पर चलने का प्रतिज्ञान करते हैं।
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