आतंकवाद पर निबंध | Aatankwad par Nibandh

प्रस्तावना

Aatankwad par nibandh- आतंकवाद एक प्रकार की हिंसात्मक गतिविधि हैं। जिसे खास संगठन या कट्टरपंथीयों द्वारा अपने आर्थिक धार्मिक राजनीतिक विचारधात्मक लक्ष्यों की पूर्ति हेतु अंजाम दिया जाता हैं।आतंकवाद से लोगों में भय व्याप्त हो जाता है।वे अपने राज्य , देश में स्वयं को असुरक्षित महसूस करते हैं। आतंकवाद के सामने कई बार सरकार भी कमजोर दिखाई देती है। जिससे लोगों का सरकार पर से भरोसा उठता जा रहा है। आतंकवाद को मुद्दा बनाकर किसी भी सरकार को गिराया जा सकता हैं।

आतंकवाद का अर्थ

Aatankwad par Nibandh – आतंकवाद शब्द का पहली बार प्रयोग सन् 1789 में फ्रांस की क्रांति के साथ हुआ था । लैटिन भाषा में आतंकवाद शब्द का अर्थ डराना होता है। इस प्रकार आतंकवाद किसी विनाशकारी शक्ति द्वारा विभिन्न तरीके से उद्देश्य की पूर्ति हेतु भय की स्थिति उत्पन्न करता है।

भारत में आतंकवाद

Aatankwad par Nibandh – आतंकवाद भारत की प्रमुख सबसे बड़ी समस्या है , जिसने भारतीय शासन व्यवस्था को जर्जर कर दिया है । आतंकवाद सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की समस्या बन चुकी है । आतंकवाद ने भारत की आर्थिक, सामाजिक राजनैतिक धार्मिक सांस्कृतिक आदि परिस्थितियों को प्रभावित किया है।

Aatankwad par Nibandh – अतः इसे दूर करना अत्यधिक आवश्यक हैं। सन् 1979 में पाकिस्तान ने एक नीति अपनाई कि वह कश्मीर में आतंकवाद का सहारा लेगा और उसकी राजनीतिक भाषा थी Blitz India अर्थात भारत के “टुकड़े करो”।

इसके लिए पाकिस्तान ने दो संस्थाएं बनाई आइ एस आइ टेंड और आइ एस आइ कंट्रोल। आई एस आई टेंड के अंतर्गत दो संगठन लश्कर ए तैयबा तथा जैश ए मोहम्मद को बनाया गया। इन दिनों संगठनों को कश्मीर में तथा कश्मीर के बाहर आतंक फैलाने की जिम्मेदारी दी गई, साथ ही उन्हें हर तरह के मदद भी उपलब्ध कराई गई।

आतंकवादी विचारधारा का प्रसार करने के लिए इसे धर्म के साथ जोड़ा गया तथा लोगों को बरगलाने के लिए हिंसा को ईशप्राप्ति अर्थात अल्लाह या जन्नत प्राप्ति का मार्ग बताया गया।

Aatankwad par Nibandh
Aatankwad par Nibandh

आतंकवाद के कारण

Aatankwad par Nibandh- विभिन्न देशों तथा भारत में आतंकवादी समूहों गठन के कारण भिन्न भिन्न हों सकते हैं , पर इन कारणों में मुख्य रूप से सामाजिक – आर्थिक असमानता, भेदभाव/अलगाव, सत्तारूढ़ दल, धार्मिक उग्रवाद और जातिय राष्ट्रवाद के कामकाज से असंतोष शामिल हैं। विकसित देशों में बेरोज़गारी, मानसिक तनाव में वृद्धि, लोकतंत्र के प्रति अविश्वास , ड्रग्स और अन्य नकारात्मक गतिविधियों में संलिप्तता तथा आप्रवासियों के प्रति भावना जैसे कारक आतंकवाद को प्रोत्साहित करते हैं।

वहीं विकासशील और अल्पविकसित देशों में राजनीतिक अस्थिरता, हिंसक संघर्षों का इतिहास , समाजिक संघर्षों की उपस्थिति तथा गरीबी आदि कारक भी आतंकवाद को प्रोत्साहित करते हैं।

बाह्य कारकों से ज्यादा आंतरिक कारक भी आतंकवाद के लिए उत्तरदायी होते हैं। वस्तुत: संकीर्ण हितों से संचालित होने वाले आतंकी समूह, राष्ट्र के सीमा के भीतर ऐसे वर्ग होते है, जिन्हें भाषा धर्म जाति तथा रितिक रीवाज के नाम पर आसानी से भड़काया जाता है। इस प्रकार ये ऐसे समुदायों में आतंकी भावना का प्रसार करते हैं और उन्हें देश में आतंकवाद फैलाने के लिए उपयोग किया जाता है।

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आतंकवाद के प्रकार

Aatankwad par Nibandh – आतंवाद कई प्रकार के होते हैं कुछ मुख्य प्रकार जैसे – राजनीतिक आतंकवाद, सांप्रदायिक आतंकवाद , अपराधिक आतंकवाद, धनात्मक आतंकवाद , ऋणात्मक आतंकवाद आदि।

जो व्यक्ति केवल अपने स्वार्थ के लिए सामान्य नागरिक में डर फैलाता हो उसे राजनीतिक आतंकवाद कहते हैं। जो लोग दो धर्मों के बीच दंगे कराते हैं तो उसे सांप्रदायिक आतंकवाद कहते हैं। जो व्यक्ति अपहरण करके पैसे की मांग करे उसे अपराधिक आतंकवाद कहते हैं।

जिस व्यक्ति का हमला करने का उद्देश्य पवित्र है उसे धनात्मक आतंकवाद कहते हैं और जिस व्यक्ति का हमला करने का उद्देश्य किसी राष्ट्र, जाति या समाज को बर्बाद करना हो उसे ऋणात्मक आतंकवाद कहते हैं।

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आतंकवाद के विभिन्न संगठन

Aatankwad par Nibandh – दुनिया भर में हर साल विभिन्न देशों में आतंकवादियों द्वारा कई घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। इन आतंकवादियों को विभिन्न संगठनों द्वारा संचालित किया जाता है । उनमें से कुछ प्रमुख संगठन निम्न हैं:-

लश्कर ए तैयबा (1987) जिसे आर्मी आफ गुड भी कहा जाता है , जिसका सरगना प्रमुख हाफिज सईद हैं जिसने 2001 का मुम्बई हमला, 2008 का मुम्बई हमला जिसमें 174 लोग मारे गए। जैसे हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया है।

सन् 1998 में अस्तित्व में आयी जैश ए मोहम्मद जिसके सरगना प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के नेतृत्व में इस संगठन ने देश की लोकतंत्र को आहत करने की कोशिश की। 2001 के संसद हमला 2016 में पठानकोट एवं उरी हमला फिर हाल ही 2019 की पुलवामा हमला इस संगठन द्वारा किये गये जिसमें देश बार बार आहत होता रहा है।

आतंकवादियों का एक संगठन तालिबान है जो शरीया के आधार पर देश चलाने हेतु हिंसात्मक गतिविधियों का सहारा लेते हैं। वहीं मुजाहिदीन जेहाद के नाम पर आतंकवाद फैलाने वाला समूह हैं जिसका निर्माण सऊदी अरब में हुआ, जिसने रशिया के खिलाफ युद्ध छेड़ा। ओसामा बिन लादेन ने अरब लड़ाकों को मिलाकर अलकायदा का निर्माण किया। वैश्विक स्तर पर न जाने कितने हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया है , जिसमें अमेरिका जैसे विकसित देश भी न बच सकें।

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आतंवाद के दुष्परिणाम

Aatankwad par Nibandh – आतंकवाद की वजह से लोगों में असुरक्षा की भावना होती हैं । आतंकवादी अपने बातों को मनवाने के लिए लोगों को डरा कर या भय का माहौल उत्पन्न करके अपनी बातों को पूरा करवाते हैं। आतंकवाद की क्रिया मानव जाति को बड़े पैमाने पर प्रभावित करती है और लोगों को इतना डरा देती है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डरते हैं।

घर के बाहर रेल्वे स्टेशन, मंदिर , सामाजिक कार्यक्रमों , राष्ट्रीय कार्यक्रमों आदि में जाने से घबराते हैं। आतंकवाद की वजह से कई मासूम लोग, जीव जन्तु , बच्चे बुजुर्ग आदि लोगों की जान चली जाती हैं आतंकवाद से हमारी देश की प्रापर्टी को भी लाखों करोड़ों का नुक़सान होता है।

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आतंकवाद की समस्या का उपाय

Aatankwad par Nibandh – आतंकवाद ने हमारे जीवन को अनिश्चित और असुरक्षित बना दिया है। आतंकवाद मानव जाति के लिए एक कलंक है इसलिए इसका कठोरता से समाधान किया जाना चाहिए। भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों को बड़ी गंभीरता से लिया है और इसे समाप्त करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

भारत की संसद ने आतंकवादी विरोधी विधेयक पारित कर दिया है जिसके अंतर्गत आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले व्यक्तियों को कठोर दंड देने की व्यवस्था की गई है। आतंकवादियों को पकड़ने तथा उन्हें दंडित करने के लिए आधुनिक साधनों, तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए।

इसके लिए जनता को शिक्षित करना भी आवश्यक है जिससे जनता आतंकवादियों से लड़ने में डर का अनुभव ना करें। आतंकवादियों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रयास किए जाने चाहिए। आवश्यकता इस बात की है कि सभी देश एकमत होकर आतंकवाद को समाप्त करने का संकल्प ले जो सभी का हित होगा।

देश में बढ़ती जनसंख्या, बेरोज़गारी, भुखमरी, गरीबी आदि को जल्द से जल्द दूर करके हम आतंकवाद को काफी हद तक रोक सकते हैं , क्योंकि ज्यादातर आतंक इन समस्याओं की वजह से होते हैं। आतंकवाद को रोकने के लिए हमें और पूरे विश्व को मिलजुलकर इससे निपटने की जरूरत है, तभी विश्व आतंकवाद से पूरी तरह से मुक्त हो पाएगा।

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उपसंहार

Aatankwad par Nibandh – आतंकवाद दिनों दिन बढ़ता जा रहा है जो हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक समस्या बन गया है। इसे रोकने के लिए पूरे विश्व को मिलजुलकर कार्य करने की जरूरत है। अगर हमें आतंकवाद को कम करना है तो इसके लिए हमें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी होगी। हमें अपने बच्चों को सही और ग़लत का फर्क समझाना चाहिए।

यही बच्चे आगे चलकर देश का भविष्य बनेंगे और भारतीय सेना में जुड़कर आतंकवाद के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ेंगे। आतंकवादी संगठन एवं आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए अगर इसे रोका नहीं गया तो यह पूरे मानव जाति के लिए एक गम्भीर समस्या उत्पन्न कर सकता हैं।

इसे रोकना अत्यधिक आवश्यक हैं क्योंकि इसे रोका नहीं गया तो यह पूरे विश्व में एक आतंक का माहौल उत्पन्न कर देगा और यह दिनों दिन अपने पैर पसारते ही जा रहा है।

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